मंगलवार, 28 अगस्त 2012


खूंटे से बंधी गाय  को देखा है कभी?
निःशब्द  निर्विरोध
करती रह्ती है भरण  पोषण ,
अपने बछड़ो का ही नहीं
दूसरों के बच्चों का भी,
भूखे पेट रह कर भी
लाठियां सह कर भी
नहीं करती प्रतिकार,
क्योंकि उसे मालूम है कि
उसका जन्म ही हुआ है 
 दूसरों के लिए,
कहलाती  है माता
पूजी जाती है यदा कदा ,
उपमाएं दी जाती हैं उसे 
देवतुल्य होने की ,
लेकिन जहाँ  दूध देना बंद करती है
तो छोड़ दिया जाता है उसे सडकों पर
 आवरा पशु की तरह।


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