उसने समाधान की इच्छा से कमरे में रखी भगवान की मूर्ती की ओर देखा ? अपने प्रश्नो का कुछ उत्तर न पाकर वो निराश हो गया। ईश्वर मौन था। वह बैचेन हो उठा , ईश्वर से नाराज होकर वह कमरे मैं रखी किताबों को टटोलने लगा। यूँही पन्ने पलटते हुए उसने एक पंक्ति लिखी देखी 'इच्छाओं को कम करो , दुःख स्वत: ही कम हो जायेंगे '। उसे उसके प्रश्नों का उत्तर मिल चुका था। उसने मूर्ती की तरफ दुबारा देखा। वह अब भी शांत थी.....
अच्छी रचना
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