प्रेम आता है तो बारिश की तरह,
और जाता है तो ,
हमेशा के लिए ,
जीवन में,
एक पतझड़ सा छोड़ जाता है ,
ये न रोके से रुकता है ,
न ही बांधे से बंधता है,
तेज़ मूसलाधार बारिश की तरह से ,
बरसता जाता है,
तन मन पर ,
भिगो देता है स्नेह की बौछारों से,
ह्रदय को,
और जब जाता है तो,
गर्म ,खुश्क, बंजर जमीन,
बना जाता है ह्रदय को,
पत्थर सा कठोर हो जाता है मन,
कर जाता है सूनसान सा जीवन, निर्जन।
प्रेम तो आता है फिर जाता नहीं ..
जवाब देंहटाएंजो जाता है वो तो प्रेमिका होती है ... जो प्रेम कों आत्मसात करता है उसके जीवन से प्रेम की बूँदें कभी नहीं जातीं ...
bahut sundar bhav hai , dhanyavad apka.........
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