शुक्रवार, 11 नवंबर 2016

 कल काम से घर लौटी तो लगभग चक्कर सा आ गया..  घर का बहुत सा सामान जैसे ,,अलार्म घड़ी ,मेरा हेयर ड्रायर , टोर्च, आदि खुले पड़े थे ..जाहिर है ये जादूके अलावा और कौन  सकता था।  पूछने पर बोला, Mommy i wanted to know how does a motor work ? उसे अब हर चीज़ में एक मोटर दिखाई दे रही थी।  उसके हाथ जो लगा उसने खोलकर परीक्षण डाला। मैं हैरान थी क्या किया जा सकता था। .. लेकिन इस बात से खुश थी कि उसने मिक्सर , वाशिंग मशीन और घर के पंखों को निशाना नहीं बनाया। ... वो three idiots  के आमिर खान की तरह सब कुछ खुद जानना चाहता था। उसके अंदर सब्र नहीं था। मेने उसे मोटर का मैकेनिज्म समझाना कि कैसे एक मोटर इलेक्ट्रिकल एनर्जी को मैकेनिकल एनर्जी में बदल देती है और फिर स्पिंडल एमरचर पर रोटेट होने लगती है लेकिन उसने कहा Mom don't tell me the basics ,let me work on the machine ... मुझे अपना बचपन याद आ गया कि कैसे मेरे भाई ने घर के बाहर पड़े एक विशाल कूड़े के ढेर में सिर्फ इसलिए आग लगा दी थी क्योंकि वह जानना चाहता था कि फायर-ब्रिगेड कितनी देर में आती है।
 जादू के सभी हम उम्र बच्चो की माँएं इसी परेशानी से गुज़र रही है। बच्चे दस बारह साल के हुए नहीं के दुनिया को जानने के लिए बेसब्र हो जाते है और खास तौर से आज-कल की जनरेशन के बच्चे जो खिलोनो की जगह गैजेट्स से खेलते है इनकी जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए बहुत सा धैर्य और एनर्जी चाहिए। 

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